64 वर्षीय शबाना कहती हैं, "19 सितंबर को लंदन में मेरे नाटक 'हैप्पी बर्थडे सुनीता' का मंचन शुरू हो रहा है। जावेद को मेरे पास आना है और मैं रोमांचित हूं। और किसी योजना की जरूरत नहीं है।"
वहीं अपने जन्मदिन मनाने के बारे में उनका कहना है, "मुझे केक काटने में मजा नहीं आता। मुझे नहीं मालूम यह भारत में कब और क्यों शुरू हुआ। स्कूल में हमें पूरी कक्षा में हर बच्चे को सिर्फ दो टॉफी देने की इजाजत होती थी।
उन्होंने बताया कि उन्हें जन्मदिन पर सबसे ज्यादा पसंद फूल आते हैं, "फूल मेरी कमजोरी है और मुझे उन्हें पाना पसंद है, विशेषकर भारतीय खुशबू वाले फूल जैसे मोगरा, रजनीगंधा, सोनटका आदि।"
अपने सबसे यादगार जन्मदिन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "मेरा 50वां जन्मदिन। हर जगह से मेरे सारे दोस्त आए थे और जश्न के शोरगुल में अब्बा (मरहूम उर्दू शायर कैफी आजमी) शेरवानी और टोपी पहने खामोश बैठे थे, ऐसा लग रहा था कि मानो उनका जन्मदिन है। जावेद भी बहुत लाजवाब थे, लेकिन वे बेहद निजी बातें हैं।"
वहीं 64 वर्षीय शबाना अपनी उम्र के बारे में कहती है, "मैं अपनी उम्र को लेकर बेफिक्र हूं। मैंने जिंदगी को हर कदम पर गले लगाया है। मुझे याद है कि जब मैंने अपना 50वां जन्मदिन मनाया तो लोग मायूस थे। मुझे मशविरा दिया गया था कि 'अपनी उम्र मत बताओ।' कितना बेवकूफाना है।"
वहीं अपनी अधूरी ख्वाहिश के सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं पियानो बजाना चाहूंगी। हाय! अब बहुत देर हो गई।"