निर्देशक: केतन मेहता
रेटिंग: 3
रणदीप हुड्डा और नंदना सेन अभिनीत, केतन मेहता द्वारा निर्देशित 'रंग रसिया' एक ऐसी फिल्म है, जो आधुनिक दर्शकों को, 19वीं शताब्दी के एक ऐसे कलाकार से परिचित कराती है, जिसने भारतीय पुराणों, धार्मिक कथाओं और भगवान की झलकियों को उनके सीमित दायरे से निकाल कर आम लोगों तक पहुंचाया।
केतन मेहता और रणदीप हुड्डा ने निर्देशन और अभिनय के माध्यम से राजा रवि वर्मा, उनके जीवन चरित्र, भावनाओं, संघर्षों उनके योगदान और कला को जिस तरह से सिने-स्क्रीन पर प्रस्तुत किया है, उस से ना सिर्फ इस महान चित्रकार के बारे में बारीकी से जानने का मौक़ा मिला, बल्कि केतन और रणदीप की काबिलियत भी सामने आई है। केतन काफी समय से इस फिल्म को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने के लिए बैचेन थे, और जब उन्हें यह मौका मिला तो उनकी वह बैचेनी और भावनाए समझी जा सकती हैं।
फिल्म में राजा रवि वर्मा के जीवन, उनके चरित्र और कला को बेहद बारीकी से प्रस्तुत किया गया है, जिनका मकसद भारतीय पौराणिक गाथाओं को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाना था। उन्होंने भारत के महाकाव्यों महाभारत और रामायण, भारतीय साहित्य और पौराणिक कथाओं को अपनी पेंटिंग्स के माध्यम से हर किसी को समझाया।
लेकिन उन्हें अपनी चित्रकारी की प्रेरणा जहाँ से मिली उसका स्त्रोत थी, एक अछूत कन्या (राशना शाह), और एक वेश्या सुगंधा (नंदना सेन)। वेश्या सुगंधा पर मंत्रमुग्ध हुए राजा रवि वर्मा ने जब उनकी तस्वीरें बनानी शुरू की तो उनके हाथ और उनकी प्रेरणा दोनों ही सुगंधा की झलक की आदि हो गई और उनकी यह प्रेरणा जब देवी देवताओं के चित्रों में झलकी तो इस पर बवाल खड़ा हो गया। और एक महान कलाकार विवादों में फंस गया। इसी मुद्दे के चारों तरफ घूमती हुई कहानी है 'रंग रसिया' और जिसमें रणदीप हुड्डा और नंदना सेन ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी अच्छा अभिनय किया है।
अभिनय की बात करें तो रणदीप हुड्डा ने बेहद सूक्ष्मता से अभिनय किया है, और इस फिल्म को उनके अब तक के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म कहा जा सकता है। वहीं नंदना सेन ने भी सुगंधा के रूप में अच्छा अभिनय किया है, लेकिन उनके अभिनय में विदेशी झलक जरूर प्रतीत होती है।