निर्देशन: शाद अली
रेटिंग: ** 1/2
गोविंदा, परिणीति, रणवीर सिंह और अली जफर की मजबूत केमिस्ट्री वाली फिल्म 'किल दिल' रिलीज हो गई है, जिसका निर्देशन शाद अली और निर्माण आदित्य चोपड़ा ने किया है। फिल्म पूरी तरह से मसाला फिल्म है, जो काफी हद तक 90 के दशक की याद दिलाती है। लेकिन फिल्म के किरदारों ने इसमें जान फूंक दी है।
अगर फिल्म की कहानी की बात करें तो, जैसा कि ऊपर ज़िक्र कर दिया है कि 90 के दशक की याद दिलाती है। जो गोविंदा (भैयाजी), देव (रणवीर सिंह), टुट्टु (अली जफर) और दिशा (परिणीति चोपड़ा) के चारो तरफ घूमती है। भैयाजी एक माफिया है जिसने अपनी छत्र छाया में दो लावारिस बच्चों की परवरिश की है, और उन्हें अपना दायां-बायां हाथ बना कर रखा है। ऐसे में वह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि उन तीनों के बीच कोई चौथा आए, लेकिन जब ऐसा हो जाता है तो वह अपने आप पर नियंत्रण नही रख पाता। ये चौथा शख्स है दिशा जो देव की जिंदगी में आई है। लेकिन अब देव के सामने सिर्फ दो रास्ते भैयाजी छोड़ते हैं या तो किल या दिल। इसके बाद देव को तय करना है, कि कौन सा रास्ता चुनना है।
ये तो थी फिल्म की कहानी की बात अगर अब फिल्म में देखने लायक और ना देखने लायक तत्वों की बात की जाए तो देखने लायक है फिल्म के चारों चरित्रों की मजबूत और मनोरंजक केमिस्ट्री खासकर गोविंदा, रणवीर और अली जफर। तीनों को फिल्म में अभिनय करते देख लगता है, जैसे इन्हें आपस में अभिनय करने की आदत हो। खासकर रणवीर सिंह तो पानी में घुलनशील पदार्थ के जैसे हैं, वह हर अभिनेता के साथ ऑन-स्क्रीन बेहद आसानी से मिक्स-अप हो जाते हैं। फिल्म को इसके किरदारों ने देखने लायक और मनोरंजनक बना दिया है।
वहीं अगर फिल्म के पकाऊ पहलु की बात की जाए तो वह है फिल्म की कहानी में कुछ खास नयापन ना होना। देखा जाए तो सिर्फ अभिनेताओं को तीखे मसाले के साथ पेश किया गया है। कहानी कई बार देखी हुई लगती है।
फ़िल्मी किरदारों का अभिनय उम्दा है। गोविंदा के पास अभिनय नाम की जादू की छड़ी है, और इस बार उन्होंने इसे नकारात्मक किरदार के लिए एक बार फिर से घुमा कर जादू कर दिया है। गोविंदा का नाम सुनते ही एक मासूम और हंसाने वाला व्यक्तित्व उभर कर सामने आता है, और पहली बार में उनके नकारात्मक किरदार के बारे में थोड़ा संदेह भी होता है। जो फिल्मों में विलेन से अपने प्यार को पाने के लिए लड़ते हुए दिखाई देता था, आज वही किरदार खुद किसी को प्यार करने की सजा देने पर उतारू है। लेकिन वास्तव में गोविंदा एक महान कलाकार हैं, और अभिनय के धनी हैं। उन्हें इस फिल्म में देखकर लगता है कि ये हीरो नहीं हो सकता।
रणवीर सिंह अपनी बाकी फिल्मों की बजाय इस बार एक अलग ही अंदाज में नजर आए हैं, और उन्होंने अपने किरदार को बेहद मनोरंजक बना दिया है। रणवीर सिंह एक बेहद ऊर्जावान और तेज-तर्रार अभिनेता हैं। सबसे खास बात वह हर किसी कलाकार के साथ बेजड़ो केमिस्ट्री बनाने की कला बखूबी जानते हैं।
अपनी मासूम और प्यारी छवि से बाहर निकल कर अली जफर ने क्या अभिनय किया है। अली जफर ना सिर्फ फिल्म में एक अलग लुक में नजर आए हैं बल्कि अपने किरदार को भी काफी अच्छे से निभाया है। वहीं अगर परिणीति की बात करें तो वह ना सिर्फ एक अच्छी अभिनेत्री हैं, बल्कि उनकी चुलबुली अदा और मासूमियत बेहद दिलकश, और अभिनय बेहद प्राकर्तिक है। साथ ही फिल्म में उनके हिस्से में जो भी आया वह उन्होंने काफी अच्छे से निभाया।
वहीं अगर फिल्म के संगीत की बात की जाए तो वह सिर्फ टाइटल सांग ही है जो फिल्म को अपने कन्धों पर ले जाने की कोशिश कर रहा है।