करण ने सोमवार को फिल्म बाजार के आखिरी दिन 'ऐन आफ्टरनून एट फिल्म बाजार विद राजीव मसंद' नामक खंड में कहा, "रीमेक कोई बुरा शब्द नहीं है। हम कॉपी शब्द का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते हैं, लेकिन यह कॉपी नहीं है। यह तो एक रूपांतरण हैं। रूपांतरण कला का एक प्रकार है। कुछ ही फिल्मकार इसे सही से समझ पाते हैं और इसे करना सबसे मुश्किल है।"
फिल्म निर्माण कंपनी धर्मा प्रोडक्शन के मालिक करण ने यह भी कहा कि वह फिल्मोद्योग में सिर्फ पैसा कमाने के लिए नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैं हिन्दी सिनेमा के लोकाचार समझता हूं, इसलिए हिंदी फिल्में बनाता हूं। मैं मराठी, तमिल और पंजाबी से वाकिफ हूं, लेकिन उन फिल्मोद्योग के लोकाचार नहीं समझता, इसलिए उनमें कदम नहीं रखूंगा।"