निर्देशन: प्रभु देवा
रेटिंग: * 1/2 सितारे
प्रभु देवा एक बार फिर से अपनी तीखे मसालेदार फिल्म के 'एक्शन जैक्शन' के साथ हाजिर हैं। फिल्म में ना कहानी नई है और ना ही उसका परोसा जाना। एक बार से से वही हिंदी फिल्म का पुराना तरीका वही हवा-हवाई मारधाड़ 80 से 90 के बीच के दशक का अंदाज। यही है 'एक्शन जैक्शन'।
फिल्म में एक लड़का विशी (अजय देवगन) है, एक लड़की खुशी (सोनाक्षी सिन्हा) दोनों आपस में टकराते हैं फिर प्यार होता है साथ में गाने-वाने गाते हैं। फिर विशी के हमशक्ल एजे (अजय देवगन) की एंट्री होती है, जो जाहिर तौर पर एक विलेन है और जेवियर (आनंद राज) से अनुषा (यामी गौतम) की हत्या का बदला लेने पर उतारू है, क्योंकि वह अनुषा से प्रेम करता था। लेकिन जेवियर की गर्लफ्रेंड यानी मरीना (मनस्वी ममगई) एजे से प्यार करती है, और ये ही दोनों के बीच की दुश्मनी का कारण है। इसी जलन में जेवियर अनुषा को मरवा देता है। इसके बाद क्या हुआ होगा या क्या हो सकता है वो बहुत ही आसान है क्योंकि नया तो कुछ भी होगा नहीं।
अभिनय की बात करें तो ना ही तो फिल्म में कुछ नया था और ना ही अभिनय के लिए किसी के पास कोई स्कोप। सोनाक्षी सिन्हा अपने उसी पुराने अंदाज में थी। फिल्म के नाम के हिसाब से अजय देवगन एक्शन हीरो तो हैं ही बस जैक्शन जैसे कुछ डांस मूव उनसे करवा दिए हैं। अजय एक अच्छे अभिनेता हैं और उनके चाहने वाले उन्हें अभिनय करते हुए देखना चाहते हैं। उन्हें एक ठोस कहानी की ज्यादा जरूरत है। बजाय इन मसाला फिल्मों के। बाकी सब वैसा ही है। यामी गौतम को ना भी लेते तो भी काम चल सकता था मतलब ऐसा कुछ है ही नहीं कि उनके किरदार के बारे में सोचा या कहा जाए। मनस्वी के हिस्से में ग्लैमर तो काफी आया है लेकिन अभिनय नहीं। फिल्म के विलेन आनंद राज के ऊपर भी यही सभी बाते लागू होती है।
फिल्म का संगीत भी ऐसा कुछ खास नहीं है। हालाँकि अजय देवगन तो गीतों की धुन पर प्रभुदेवा के डांसिंग स्टेप पर थिरकते नजर आ रहे हैं लेकिन वह श्रोताओं को नचाने में कामयाब नहीं दिख रहे।
कुल मिलाकर फिल्म पूरी तरह से 'वेस्ट ऑफ़ टाइम' है।