फेडरेशन द्वारा भेजे गए नोटिस में लिखा है, "यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि युवाओं के लिए आदर्श माने जाने वाले और उन्हें प्रभावित करने वाले ये यूथ आयकन इस तरह से अश्लिता परोस रहे हैं। उन्हें इस मामले में पूरी इंडस्ट्री और देश के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए और यह वायदा करना चाहिए कि वे आगे से फिर कभी ऐसा नहीं करेंगे। यह सांस्कृतिक आतंकवाद के बराबर है।
एफ़डब्ल्यूआईसीई के अध्यक्ष कमलेश पांडे का कहना है, "वह व्यक्तिगत तौर पर पुलिस या सेंसरशिप के विरोधी नहीं हैं क्योंकि यहां यही कहा जा सकता है कि शो निर्माताओं की ना तो समझ परिपक्व थी, और न ही इस बात कि जिम्मेदारी की समझ कि उन्हें लोगों के सामने क्या परोसना चाहिए।
"लेकिन अगर किसी एसोसिएशन का कोई सदस्य कोई ऐसी चीज प्रस्तुत करते हुए पाया जाता है जो फिल्म और मनोरंजन इंडस्ट्री में न करने के लायक है तो यह ध्यान दिए जाने योग्य है।
पांडे ने कहा कि यह पत्र रोस्ट वीडियो के प्रतिभागियों के लिए ना कोई चेतावनी है और ना ही कोई आदेश। "यह उन्हें सिर्फ यह सन्देश देने के लिए भेजा गया है कि वह ऐसे किसी भी शो में जाने सावधानी बरतें जो लोगों को गलत सन्देश देता हो। साथ ही यह किसी भी सज्जन व्यक्ति के ऊपर टिप्पणी भी न करता हो। यह महज एक स्टेटमेंट है, जिसके बारे में एफ़डब्ल्यूआईसीई को लगता है कि इंडस्ट्री से आई शिकायत के बाद उन्हें यह देनी चाहिए।"