सलमान खान के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामला चल रहा है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत को इस मामले में 25 फरवरी को अपना फैसला सुनाना था, लेकिन तभी संज्ञान में आया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष के चार प्रार्थना पत्र 2006 से अनिर्णीत पड़े थे, इसीलिए फैसले पर रोक लगा दी गई थी।
इसके बाद अदालत ने सभी प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की और अंतिम अवसर के रूप में अभियोजन पक्ष को चार गवाहों, तीन फोरेंसिक प्रयोगशाला रिपोर्टों और प्रासंगिक सामग्री की जांच की अनुमति दी। सलमान खान ने यद्यपि निचली अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन इसे 10 अप्रैल को खारिज कर दिया गया।
अभियोजन पक्ष के चारों गवाहों की गवाही के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनुपमा बिजलानी ने शुक्रवार को सलमान खान के वकील हस्तिमल सारस्वत से उनकी मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कहा ताकि आरोपी के बयान दर्ज किए जा सकें।
वकील सारस्वत ने कहा, "यह अदालती प्रक्रिया है। अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही के बाद, आरोपी का बयान दर्ज करना आवश्यक होता है। सलमान खान को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 23 अप्रैल को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।"