फिल्म समीक्षा: 'राजा नटवरलाल' एकबारगी मनोरंजन में कामयाब

फिल्म समीक्षा: 'राजा नटवरलाल' एकबारगी मनोरंजन में कामयाब
कलाकार: इमरान हाशमी, हुमैमा मलिक, परेश रावल, के. के. मेनन, दीपक तिजोरी

निर्देशक: कुणाल देशमुख

स्टार: **1/2

अब तक 'तुम मिले', 'जन्नत' और 'जन्नत 2' जैसी इमरान हाशमी की फिल्मों का निर्देशन कर चुके कुणाल देशमुख एक बार फिर से अपने पसंदीदा अभिनेता के साथ 'राजा नटवरलाल' लेकर आये हैं। जो काफी हद तक 'जन्नत' की ही विचारधारा से प्रेरित लगती है। यह भी एक ठग की प्रेम कहानी ही है। जिसे निर्देशक काफी हद तक मनोरंजक बनाने में सफल रहे हैं।

फिल्म की कहानी दो भाइयों जैसे दोस्तों (इमरान हाशमी) और राघव (दीपक तिजोरी) की है, जो ठगी में माहिर है और इसी में उनकी जिदंगी गुजर रही है। कहानी में उस वक़्त मोड़ आता है जब वे बड़ा हाथ मारने के चक्कर में वरधा (के. के. मेनन) को 8,00000 का चुना लगा देते हैं। या यूँ कहिये इसी रास्ते पर चल कर मालदार बनने वाले एक शातिर से पंगा ले बैठते हैं। इसके बाद वरधा का लक्ष्य है इन दोनों को सबक सिखाना, जिसमें राघव अपनी जान से हाथ धो बैठता है, और राजा को अपनी मौत का बदला लेने का काम सौंप जाता है। इस काम के लिए राजा को जरूरत है योगी (परेश रावल) के साथ की और वह उसे भी इसमें शामिल कर वरधा से बदला लेने निकल पड़ते हैं। फिल्म जिया (हुमैमा मलिक) एक बार डांसर है, जिसने इमरान हाशमी की प्रेमिका की भूमिका निभाई है।

अभिनय के तौर पर देखा जाए तो फिल्म में सभी कलाकार ने अच्छी परफॉर्मेंस दी है। इमरान हाश्मी अभिनय का एक अलग ही अंदाज रखते हैं, और उन्होंने अपनें इस अंदाज को इस बार और निखार के साथ पेश किया है। वहीं हुमैमा मलिक के पास करने के लिए ज्यादा कुछ था ही नहीं। वहीं केके मेनन और परेश रावल ने अपना बेहतरीन अभिनय दिया है। वैसे ये दोनों ही कलाकार अपनी हर एक भूमिका में हमेशा ही उम्दा रहते हैं, और एक बार फिर से उन्होंने यह साबित भी किया है। वहीँ कैमियो में दीपक तिजौरी भी ठीक-ठाक थे।

कुल मिलकर देखा जाए तो यह एक बार देखी जा सकने वाली मनोरंजक फिल्म है।

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