फिल्म समीक्षा: 'चारफुटिया छोकरा' अपरिपक्व कहानी

फिल्म समीक्षा: 'चारफुटिया छोकरा' अपरिपक्व कहानी
अभिनय: सोहा अली खान, जाकिर हुसैन, हर्ष मेयर, सीमा बिस्वास, मुकेश तिवारी

निर्देशक: मनीष हरिशंकर

रेटिंग: * 1/2

'चार फुटिया छोकरा' एक मजबूत और अच्छी भावना के साथ बनाई गई एक कमजोर कहानी वाली फिल्म है। जिसमें एक विदेश से पढ़कर आई लड़की बिहार के दूर दराज इलाके में बच्चों की शिक्षा का सपना देखकर उसे पूरा करना चाहती है। इसे पूरा करने के लिए दो करोड़ की लागत लगा कर एक स्कूल बनाना चाहती है। लेकिन वह वहां की गुंडागर्दी और कुछ समाज और बचपन के दुश्मन असामाजिक तत्वों से अनभिज्ञ है।

इस फिल्म के निर्माण के मामले में निर्देशक मनीष हरी शंकर की सबसे बड़ी जीत ये है कि वह कई मंझे हुए कलाकारों को एक साथ लाने में कामयाब हुए हैं। लेकिन बाकी सारी चीजों के मामले में फिल्म बेहद कमजोर दिखाई पड़ती है, फिर चाहे वह निर्देशन को, कहानी लेखन हो स्क्रीनप्ले यह इन सभी का एक साथ संजो कर रखना।

वहीं फिल्म के अगर सकारात्मक पहलू की बात करें तो, कुछ एक दृश्य ऐसे हैं जो दिल को छूने में कामयाब होते हैं। साथ ही सोहा अली खान का अभिनय भी बेहद अच्छा है लेकिन उनके किरदार में चतुराई की कमी खलती है।

​कहा जा सकता है कि फिल्म में एक मजबूत मुद्दे के बावजूद फिल्म बेहद अपरिपक्व और टूटी हुई सी लगती है। जिसे इतनी गंभीरता से नहीं लिया जा सकता।

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