एक अस्सी साल का बुजुर्ग चेक-अप के लिए डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने उसे कहा कि आपका स्पर्म यानि वीर्य भी जाँचना होगा। इसलिए डॉक्टर ने उसे एक बोतल दी और कहा कि कल अपना वीर्य इसमें लेकर आना। बुजुर्ग अगले दिन डॉक्टर के पास आया और उसने बोतल डॉक्टर को दी पर बोतल बिल्कुल खाली और साफ़ थी। डॉक्टर: क्या हुआ? बुजुर्ग: डॉक्टर साहब हुआ ऐसा कि पहले तो मैंने अपने दायें हाथ से कोशिश की पर कोई फायदा नहीं हुआ, फिर मैंने अपने बांये हाथ से कोशिश की तब भी कोई फायदा नहीं हुआ। फिर मैंने अपनी बीवी से मदद मांगी, उसने भी पहले दायें हाथ से फिर बांये हाथ से कोशिश की पर नाकाम रही। यहाँ तक कि उसने तो मुँह से भी कोशिश की पर तब भी नाकाम रही। हमने अपनी पड़ोसन को भी बुलाया। उसने भी पहले अपने दोनों हाथों से, फिर मुँह से कोशिश की पर कोई फायदा नहीं हुआ। डॉक्टर: क्या आपने अपनी पड़ोसन से भी करवाया? v बुजुर्ग: हाँ, पर फिर भी यह बोतल नहीं खुली। |
पप्पू और उसकी गर्लफ्रेंड गाड़ी में बैठे बातें कर रहे थे। बातें करते-करते पप्पू थोड़ा रोमांटिक हो गया पर गर्लफ्रेंड का रोमांस का कोई इरादा नहीं था तो पप्पू ने कहा, "चलो तुम अपने हाथ से मुझे खुश कर दो।" गर्लफ्रेंड: हाथ से कैसे, क्या करना होगा मुझे? पप्पू: याद है बचपन में जैसे सोडा की बोतल को हिलाते थे और बाद में उसे एक दूसरे पर स्प्रे करते थे। बस वैसे ही करना है। गर्लफ्रेंड: ठीक है। पप्पू ने अपना लंड निकाला और अपनी गर्लफ्रेंड के हाथ में दे दिया। गर्लफ्रेंड ने उसे हाथ में पकड़ा और हिलाना शुरू कर दिया। दो मिनट बाद पप्पू की आँखों में आँसू निकल आये, पूरा बदन पसीने से लथपथ हो गया। गर्लफ्रेंड: क्या हुआ? तुम रो क्यों रहे हो? पप्पू(चिल्लाते हुए): साली अपना अंगूठा हटा ऊपर से। |
एक आदमी ने अपने बच्चे को एक बैटरी वाली ट्रेन लाकर दी। बच्चे ने जल्दी से उसे खोला और उसके साथ खेलने लग गया। जब बच्चा खेल रहा था तो आदमी ने बच्चे को कहते हुए सुना, "आओ-आओ सालो जल्दी से बैठो गाडी छूटने वाली है।" आदमी ने यह सुना और बच्चे को दो थप्पड़ लगा दिए। बच्चा आधे घंटे तक रोता रहा। आधे घंटे बाद बच्चा दोबारा खेलने लगा उसने ट्रेन पकड़ी और बोला, "सालो अगर ट्रेन में चढ़ना है तो चढ़ जाओ नहीं चढ़ना तो न चढ़ो। एक गांडू की वजह से पहले ही ट्रेन आधा घंटा देरी से चल रही है। |
आजकल हमारी रोज़ाना ज़िंदगी में गालियों का प्रयोग इस कदर बढ़ गया है कि अब हिंदी के वाक्य ही बदल गए हैं। पेश हैं कुछ उदाहरण: 1. पहले: इस काम को मत करो, रिस्क है। आजकल: अबे बोला न रहने दे, गांड फट जाएगी। 2. पहले: अरे यार डर लगता है, कही फेल न हो जाऊं। आजकल: यार गांड फटी पड़ी है, रिजल्ट की माँ न चुद जाये। 3. पहले: ये तो होना ही था, किस्मत ही ख़राब है। आजकल: चुद गयी। जब किस्मत में हों लौड़े, तो कैसे मिले पकौड़े? 4. पहले: भाई गाड़ी धीरे चला, रोड ख़राब है। आजकल: अबे सड़क की माँ चुदी पड़ी है, तू गाड़ी की क्यों चोद रहा है? 5. पहले: भाई मैंने बोला था न कि ये काम मत करो, रिस्क है। आजकल: बस मरवा ली, मैंने तो पहले ही कहा था कि उड़ता तीर गांड में मत ले। 6. पहले: मुझे मत समझा, मुझे सब पता है। आजकल: गांडू, बाप को चोदना मत सिखा। 7. पहले: क्या बात है भाई, उदास क्यों हो? आजकल: क्या है बे, गांड सा मुँह क्यों बना रखा है? 8. पहले: बार बार परेशान मत कर। आजकल: बार बार गांड में ऊँगली करना जरूरी है? 9. पहले: दोनों जिगरी दोस्त हैं। आजकल: अबे दोनों एक गांड से हगते हैं। 10. पहले: बेटा कितना भी बड़ा हो जाये, रहेगा बाप से छोटा ही। आजकल: आंड कितने भी बड़े हों, रहेंगे तो लण्ड के नीचे ही। 11. पहले: क्या बात है, बॉस के आगे पीछे बहुत घूम रहा है? आजकल: क्या बात है बे, बॉस के बहुत आंड उठा रहा है? 12. पहले: किसी काम को करने के लिए, खुद में सामर्थ्य होना जरूरी है। आजकल: गांड मरवाने का शौक हो तो तेल चटाई साथ रखनी चाहिए। 13. पहले: मूर्ख की दोस्ती अच्छी नहीं होती। आजकल: गांडू की दोस्ती, जी का जंजाल। 14. पहले: लड़की तो मस्त है, पर तुझसे नहीं पटेगी। आजकल: अबे रहने दे, तेरे जैसों की तो चूचों से गांड मार देती है वो। 15. पहले: तू मेरा बाल भी बांका नहीं कर पायेगा। आजकल: तेरी गांड में जितना जोर है ना लगा ले, तू मेरी झांट का बाल भी नहीं उखाड़ सकता। |