सिर्फ हाथ पकड़ना काफी नहीं होता, उस हाथ को हमेशा थामे रखना ज़रूरी होता है! |
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी; दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी; जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा; उसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी। |
रिश्ते "स्टोर रूम" में रखे समान की तरह हो गए हैं! जिन्हें आजकल ज़रूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल किया जाता है! |
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ-साथ नहीं चलते! रिश्ते एक बार बनते हैं और फिर जिंदगी रिश्तों के साथ-साथ चलती है! |
अपनों का साथ बहुत आवश्यक है! सुख है तो बढ़ जाता है और दुःख हो तो बँट जाता है! |
रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह ही करनी चाहिए क्योंकि दोनों को कमाना मुश्किल है पर गँवाना आसन है! |
अमूल्य संबंधों की तुलना कभी धन से न करें। क्योंकि धन दो दिन काम आयेगा, जबकि संबंध उम्र भर काम आयेंगे। |
कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए; मैं सही तू गलत के खेल में, ना जाने कितने रिश्ते बह गए! |
जो सुख में साथ दें वो रिश्ते होते हैं और जो दुःख में साथ हों वो फ़रिश्ते होते हैं! |
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते; कुछ रिश्ते नाम के ही होते हैं! |