साथ रहते-रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा; दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा; जी ले ये पल जब हम साथ हैं; कल का क्या पता वक़्त कहाँ ले जायेगा। |
रिश्ते और रास्ते एक ही सिक्के के दो पहलू हैं; कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते खो जाते हैं; और कभी रास्ते पर चलते चलते रिश्ते बन जाते हैं। |
कुछ मीठे पल याद आते हैं; पलकों पर आँसू छोड़ जाते हैं; कल कोई और मिल जाये तो हमें न भूलना; क्योंकि कुछ रिश्ते उम्र भर काम आते हैं। |
ना छुपाना कोई बात दिल में हो अगर; रखना थोड़ा भरोसा हम पर; हम निभाएंगे प्यार का यह रिश्ता इस कदर; कि भुलाने पर भी ना भुला पाओगे हमें ज़िंदगी भर। |
दूर हो जाने से रिश्ते नहीं टूटते; न ही सिर्फ पास रहने से जुड़ते हैं; ये तो दिलों के बंधन हैं इसलिए; हम तुम्हें और तुम हमें नहीं भूलते। |
कोई टूटे तो उसे बनाना सीखो; कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो; रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से बस; उन्हें ख़ूबसूरती से निभाना सीखो। |
यहाँ कौन किसका रकीब होता है; कौन किसका हबीब होता है; बन जाते हैं रिश्ते इस दुनिया में; जहाँ जहाँ जिसका नसीब होता है। |
दौलत की भूख ऐसी थी कि कमाने निकल गए; दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए; बच्चों के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी; और जब फुर्सत मिली तो बच्चे खुद ही दौलत कमाने निकल गए। |
रिश्ते काँच की तरह होते हैं; टूटे जाए तो चुभते हैं; इन्हे संभालकर हथेली पर सजाना; क्योंकि इन्हें टूटने मे एक पल; और बनाने मे बरसो लग जाते हैं। |
स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करो यह बनेगा नहीं, और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी कोशिश करो यह टूटेगा नहीं। |