जीवन में ज़ख़्म बड़े नहीं होते, उनको भरने वाले बड़े होते हैं; रिश्ते बड़े नहीं होते लेकिन उनको निभाने वाले लोग बड़े होते हैं। |
हर रिश्ते में मिलावट देखी; कच्चे रंगों की सजावट देखी; लेकिन सालों-साल देखा है माँ को; उसके चेहरे पे ना कभी थकावट देखी; ना ममता में कभी कोई मिलावट देखी। |
कोशिश करो कि कोई तुम से ना रूठे; ज़िंदगी में अपनों का कभी साथ ना छूटे; रिश्ता कोई भी हो उसे ऐसे निभाओ; कि उस रिश्ते की डोर ज़िंदगी भर ना टूटे। |
रिश्ते और पौधे दोनों एक जैसे होते हैं; लगाकर भूल जाओ तो दोनों ही सूख जाते हैं। |
यादें अक्सर होती हैं सताने के लिए; कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए; रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नहीं; बस दिलों में प्यार चाहिए उन्हें निभाने के लिए। |
छोटी सी बात पे लोग रूठ जाते हैं; हाथ उनसे अनजाने में छूट जाते हैं; कहते हैं बड़ा नाज़ुक है अपनेपन का यह रिश्ता; इसमें हँसते-हँसते भी दिल टूट जाते हैं। |
रिश्तों की ही दुनिया में अक्सर ऐसा होता है; दिल से इन्हें निभाने वाला ही अक्सर रोता है; झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए; क्योंकि हर रिश्ता एक नाज़ुक समझौता होता है। |
रिश्तों का विश्वास टूट ना जाये; दोस्ती का साथ कभी छूट ना जाये; ऐ खुदा गलती करने से पहले संभाल लेना मुझे; कहीं मेरी गलती से मेरा कोई अपना रूठ ना जाये। |
यादें अक्सर होती हैं सताने के लिए; कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए; रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नहीं; बस दिलों में प्यार चाहिए उसे निभाने के लिए। |
कुछ रिश्ते इस जहान में ख़ास होते हैं; हवा के रुख से जिन के एहसास होते हैं; यह दिल की कशिश नहीं तो और क्या हैं; दूर रह कर भी वो दिल के कितने पास होते हैं। |