हास्य शायरी Hindi Adult and Non veg Restricted

  • यूँ हम को सताने की ज़रूरत क्या थी; गांड मेरी जलाने की ज़रूरत क्या थी; जो नहीं था इश्क़ तो कह दिया होता;
    बेवजह हमें चुतिया बनाने की ज़रुरत क्या थी;
    मालूम था अगर यह ख्वाब टूट जायेगा;
    नींद में आकर चुदने की ज़रुरत क्या थी;
    मान लूँ अगर कि एक तरफ़ा मोहब्बत थी;
    तो साली मुझे देख कर मुस्कुराने की ज़रुरत क्या थी!
  • गांड के साथ अक्सर यह घटना घट जाती है;
    वाह! वाह!
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    ...
    ....
    .....
    गांड के साथ अक्सर यह घटना घट जाती है;
    मुसीबत कोसों दूर होती है बहनचोद गांड पहले फट जाती है।
  • तूफानों में छत्तरी नहीं खोली जाती;
    ब्रा से पहले पैंटी नहीं खोली जाती;
    विआग्रा (वियाग्रा) खाना शुरू कर मेरे दोस्त;
    क्योंकि ज़ुबान और उंगली से औरत नहीं चोदी जाती।
  • श्रीमती ग़ालिब:
    तुम्हें पाकर लगा दुआ हमारी कबूल हो गई;
    तुम्हें पाकर लगा दुआ हमारी कबूल हो गई;
    जब से देखा है आपका मुर्दा लंड;
    लगता है ये बड़ी भूल हो गई।
  • प्यार किस्मत है कोई ख्वाब नहीं;
    ये वो खेल है जिसमें सब कामयाब नहीं;
    जिन्हें इश्क की पनाह मिली वो कुछ ही लोग हैं;
    और;
    जिनके लौड़े लग गए उनका तो हिसाब नहीं।
  • निप्पल से टपक रहा पसीना;
    निप्पल से टपक रहा पसीना;
    भीगी हुई गांड और लथपथ सीना;
    अब तुम्हीं बताओ 'ग़ालिब';
    इतनी गर्मी में कोई कैसे ठोके हसीना?
  • अर्ज़ किया है:
    गांड मरवाने से किसी की मौत नहीं होती ग़ालिब;
    वाह वाह;
    गांड मरवाने से किसी की मौत नहीं होती ग़ालिब;
    सिर्फ चलने का अंदाज़ बदल जाता है।
  • मिर्ज़ा ग़ालिब ने माशूका को देखा और बोला, 'सलवार के नीचे से पानी लाल आता है क्या मेरी माशूका का भोसड़ा पान खाता है।'
  • नहीं रही वो मोहब्बत की हक़ीकत;
    आज के इस दौर में;
    जिस्म की प्यास बुझाने को;
    लोग 'इश्क' का नाम देते हैं।
  • अगर हो मर्जी से सेक्स तो पाप नहीं होता;
    अगर हो कुंवारी से सेक्स तो उसका जवाब नहीं होता;
    पर दोस्त कभी बिना कंडोम के मत चोदना;
    क्योंकि खड़े लंड का दिमाग नहीं होता।