संता और पप्पू एक दवाई की शॉप पर गए। और संता ने एक पैकेट कंडोम खरीदा। पप्पू: पापा, ये क्या है? संता: बेटा, ये चूहा मारने की दवाई है। पप्पू: ओह बहनचोद, चूत में भी चूहे। |
पप्पू अपनी गर्लफ्रेंड के बूब्स चूस रहा था। गर्लफ्रेंड को मज़ा आ रहा था तो वह उत्साहित होकर बोली, "तुम्हे कुछ और चाहिए?" पप्पू मासूमियत से बोला, "अगर दो पारले जी के बिस्कुट मिल जाते तो मजा ही आ जाता।" |
पप्पू अपनी माँ से बोला, "मम्मी मम्मी, जल्दी से मेरी पेंट खोलो, मुझे 'सुसु' आई है।" जीतो तंग आकर बोली, "हे भगवान् मुझे उठा ले। ये भी कोई जिंदगी है, सुबह इसकी पेंट उतारो और शाम को इसके बाप की।" |
बंता: आज तेरी दीदी काम में व्यस्त है, तू ही चिंटू को दूध पिला दे। साली: मुझे दूध ही नहीं आता। बंता: कमाल है, दिखने में तो बहुत बड़ा है और भण्डार (स्टॉक) में कुछ भी नहीं। |
जीतो दुकान पर जाकर बोली: एक शैम्पू देना। हरामी दुकानदार: क्या धोना है? जीतो: क्या मतलब क्या धोना है, बाल धोने है और क्या? दुकानदार: हेड के बाल धोने है, तो हेड एंड शोल्डर और पैंटी के बाल धोने हैं तो पैंटीन ले लो। जीतो: गार्नियर दे मादरचोद, गांड के बाल धोने हैं। |
अध्यापिका: मच्छर के काटने से मलेरिया होता है ऐड्स क्यों नहीं? पप्पू: क्योंकि, "मच्छर डंक मारता है, गांड नहीं, आगे से बकचोदी वाले सवाल मत पूछना।" |
पठान का काफी समय से प्रोग्राम नहीं बना। परेशानी की हालत में उसने शेर लिख डाला। गरीब का आलम कुछ इस तरह है, यार; दोस्त गांडू हैं, फिर भी हम गांड को तरसते हैं। |
बंगाली: हमारी भाषा मधुर है। हम सभी को विनम्रता से बुलाते हैं। मिथुन दा, बप्पी दा, प्रणब दा... संता: लो जी, हमारी भी वही है। भूतनी दा, तेरी बहन दा, तेरी माँ दा |
अध्यापिका: बच्चों ये बताओ कि जो लोग गलत काम करते हैं वो कहाँ जाते हैं? पप्पू: मैडम जी शहर के लोग होटल में और गाँव के लोग मोटर में। |
बंता: सेक्स करने से पहले आदमी औरत के निप्पल्स को क्यों लेता है? संता: क्योंकि नाग को उठाने के लिए दूध पिलाना ज़रूरी है। |