हास्य शायरी Hindi Adult and Non veg Restricted

  • मुद्दत के बाद देखा तो बदली हुई थी वो;
    ना जाने क्या हादसा हुआ, सहमी हुई थी वो;
    उसने मुझे देख के अपना चेहरा छुपा लिया;
    पर उसकी चाल बता रही थी कि चुदी हुई थी वो।
  • ग़ालिब ने चुदाई के बाद अर्ज़ किया है:
    अए जालिम मेरे सीने में आज तक कांटो की चुभन सी है;
    तुझे चोदने का मज़ा है या लंड पर आज भी झांटों की चुभन है।
  • वो हमारी कब्र पे चल दिए मूत के;
    चलो इसी बहाने दर्शन हो गए चूत के;
    हेयरलेस थी उसकी चिकनी चूत;
    लेकिन बहनचोद अब क्या फायदा जब हम बन गए भूत।
  • वो आये हमारे सपने में तो स्वप्नदोष हो गया;
    चलो उनकी इज्जत भी बच गई, और हमारा काम भी हो गया।
  • सेक्स गुरु ने अर्ज़ किया है:
    ना चोदो किसी को इतना;
    कि उसकी चूत तुम्हारी कमजोरी बन जाये;
    उसे चोदो कुछ इस तरह;
    कि तुम्हारे लंड उसके लिए जरूरी बन जाये!
  • उस कच्ची कली को चोदने में गांड से धुआं निकल गया;
    उस कच्ची कली को चोदने में गांड से धुआं निकल गया;
    हम भी रात भर चोदते रहे;
    सुबह देखा तो चूत में कुआँ निकल गया।
  • दुखी आशिक की शायरी:
    गरीबी का आलम कुछ इस तरह है मेरे यार;
    दोस्त भी गांडू हैं, फिर भी हम गांड को तरसते हैं!
  • मैं अकेला ही चला था अपनी मंजिल के लिए;
    अनुभवी लोग मिलते गए और मैं चूतिया बनता गया!
  • अर्ज़ किया है:
    नादान है कितनी वो, कुछ समझती ही नहीं;
    सीने से लिपटकर पूछती है, "ये नीचे से क्या चुभ रहा है?"
  • चिकन ऐसे पकाओ कि कच्चा ना हो;
    वाह वाह!
    चिकन ऐसे पकाओ कि कच्चा ना हो;
    और
    मोहब्बत ऐसे निभाओ कि बच्चा ना हो!