सुन लिया हम ने फैसला तेरा; और सुन के उदास हो बैठे; ज़हन चुप चाप आँख खाली; जैसे हम क़ायनात खो बैठे। |
ज़िन्दगी की आखिरी शाम लिखते हैं; आप की याद में गुजरते पल तमाम लिखते हैं; वो कलम भी दीवानी हो जाती है आप की; जिस कलम से हम आपका नाम लिखते हैं। |
जुदाई की कसक लिए; तेरी याद से जुड़ा आंसू; हर शब् मेरी आँख से टपका है; गुज़रे कल की तरह आज का दिन भी; तुम बिन उदास गुज़रता है। |
ये इश्क़ वालों की क़िस्मत बुरी होती है; हर मुलाक़ात जुदाई से जुडी होती है; कहीं भी देख लेना आज़माकर; सच्चे प्यार को जुदाई ही नसीब होती है। |
धोखा दिया था जब तूने मुझे; जिंदगी से मैं नाराज था; सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं; मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था। |
लम्हें जुदाई को बेकरार करते हैं; हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं; आँखे मेरी पढ़ लो कभी; हम खुद कैसे कहें कि आपसे प्यार करते हैं। |
जिस घड़ी तेरी यादों का समय होता है; फिर हमें आराम कहाँ होता है; हौंसला नहीं मुझमें तुम्हें भुला देने का; काम सदियों का है यह, लम्हों में कहाँ होता है। |
लम्हें जुदाई के बेकरार करते हैं; हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं; आँखें मेरी पढ़ लो कभी भी; हम खुद कैसे कहें कि आपसे प्यार करते हैं। |
जिंदगी की कश्ती कब लगे कौन से किनारे; कब मिलेंगी मनचली बहारें; जीना तो पड़ेगा ही कैसे भी प्यारे; कभी दोस्तों की भीड़ में कभी तन्हाई के सहारे। |
कितना चाहता हूँ तुझे यह मुझको पता नहीं; मगर तुम्हारे सिवा कोई और दिल में बसा नहीं; ज़माना दुश्मन हो गया चाहत का हमारी; जुदा हो गए फिर से यह मेरी खता नहीं। |