गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार, गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार। गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं उपहार, प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार। शिक्षक दिवस की बधाई! |
गुरूदेव के श्रीचरणों में श्रद्धा सुमन संग वंदन, जिनके कृपा नीर से जीवन हुआ चंदन, धरती कहती, अंबर कहते कहती यही तराना, गुरू आप ही वो पावन नूर हैं जिनसे रौशन हुआ जमाना। शिक्षक दिवस की बधाई! |
मुझे पढ़ना-लिखना सिखाने के लिए धन्यवाद, मुझे सही-गलत की पहचान सिखाने के लिए धन्यवाद, मुझे बड़े सपने देखने और आकाश को चूमने का साहस देने के लिए धन्यवाद, मेरा मित्र, गुरु और प्रकाश बनने के लिए धन्यवाद! शिक्षक दिवस की बधाई! |
माँ पत्नी दोनों ही आपकी गुरू हैं। माँ का कहना है कि पत्नी सिखाती है और पत्नी का कहना है कि माँ सिखाती है। विनम्रता की पराकाष्ठा है कि 'सिखाने' का श्रेय भी खुद नहीं लेते। |
गुरूदेव के श्रीचरणों में, श्रद्धा सुमन संग वंदन; जिनके कृपा नीर से, जीवन हुआ चंदन; धरती कहती अंबर कहते, कहती यही तराना; गुरू आप ही पावन नूर हैं, जिनसे रौशन हुआ जमाना। शिक्षक दिवस की शुभ कामनायें! |
गुरु तेरे उपकार का, कैसे चुकाऊँ मैं मोल; लाख कीमती धन भला, गुरु है मेरा अनमोल। शिक्षक दिवस की शुभ कामनायें! |
गुमनामी के अंधेरे में था, पहचान बना दिया; दुनिया के गम से मुझे, अनजान बना दिया; उनकी ऐसी कृपा हुई, गुरु ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया। शिक्षक दिवस की शुभ कामनायें! |
गुमनामी के अंधेरे में था पहचान बना दिया, दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया, उनकी ऐसी कृपा हुई गुरू ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया। शिक्षक दिवस की शुभ कामनायें! |
भगवान ने दी ज़िंदगी, माता-पिता ने दिया प्यार; लेकिन ज़िंदगी की राह पर चलना सिखाने के लिए; अपने गुरु का हूँ मैं शुक्रगुज़ार। शिक्षक दिवस की शुभ कामनायें! |
गुरूदेव के श्रीचरणों में श्रद्धा सुमन संग वंदन, जिनके कृपा नीर से जीवन हुआ चंदन, धरती कहती, अंबर कहते, कहती यही तराना, गुरू आप ही वो पावन नूर हैं, जिनसे रौशन हुआ जमाना। शिक्षक दिवस की शुभ कामनायें! |