सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए; मदहोश न थे मदहोश होते चले गए; न जाने क्या बात थी आपके चेहरे में; न चाहते हुए भी आपके होते चले गए। शुभ रात्रि! |
दिल के सागर मे लहरें उठाया ना करो; ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो; बहुत चोट लगती है मेरे दिल को; तुम ख़्वाबों में आ कर यूँ तडपाया ना करो। शुभ रात्रि! |
वो दिन दिन नही, वो रात रात नही; वो पल पल नही, जिस पल आपकी बात नही; आपकी यादों से मौत हमे अलग कर सके; मौत की भी इतनी औकात नही। शुभ रात्रि! |
जब आपका नाम ज़ुबान पर आता है; पता नही दिल क्यों मुस्कुराता है; होती है तसल्ली यह सोच कर हमारे दिल को; कि चलो कोई तो है अपना जो हर वक़्त याद आता है। शुभ रात्रि! |
दिल में, होंठों पे एक दुआ रहती है; हर घडी मुझे आप की परवाह रहती है; खुदा हर ख़ुशी बख्शे आपको; हर दुआ में एहि गुज़ारिश रहती है। शुभ रात्रि! |
हम कभी अपनों से ख़फ़ा हो नहीं सकते; दोस्ती के रिश्ते बेवफ़ा हो नहीं सकते; आप भले हमें भुला के सो जाओ; हम आपको याद किये बिना सो नहीं सकते। शुभ रात्रि! |
जब भी इस दिल को आपकी याद आती है; इस दिल ने सच्ची ख़ुशी मिल जाती है; डर लगता है कि कहीं छूट न जाये आपका ये साथ; इस लिए रब से आपको पाने की दुआ मांगी है। शुभ रात्रि! |
कितनी जल्दी ज़िंदगी गुज़र जाती है; प्यास बुझती नहीं बरसात चली जाती है; आप की यादें कुछ इस तरह आती हैं; नींद आती नहीं और रात गुज़र जाती है। शुभ रात्रि! |
दिल से निकली है दुआ हमारी; जिन्दगी में मिले आपको खुशियां; गम न दे खुदा आपको कभी; चाहे तो एक ख़ुशी कम कर ले हमारी। शुभ रात्रि! |
वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे; मैं तुझ को भूल कर ज़िंदा रहूँ, ऐसा ख़ुदा न करे; रहे तेरा साथ ज़िन्दगी भर के लिए; बस इसी दुआ के साथ ये ज़िन्दगी कटती रहे शुभ रात्रि! |