बंता: और भाई संता तुम्हारी बीवी के घुटने का दर्द ठीक हुआ कि नहीं? संता: हां यार डॉक्टर को दिखाते ही ठीक हो गया। बंता ने हैरानी से पूछा: अच्छा, कौन सी दवा से? संता: दवा वगैरह कुछ नहीं। बस, डॉक्टर ने बताया कि यह बुढ़ापे की निशानी है और उस दिन के बाद उसने दर्द की शिकायत ही नहीं की |
संता: यार मुझे डांस प्रतियोगिता में पहला इनाम मिला है। बंता: पर तुझे तो डांस आता ही नहीं है। संता: वो न जब मैं स्टेज पर चढ़ा तो मुझे मिर्गी का दौरा पड़ गया था। |
बंता: यार तुम्हारा बेटा बहुत बिगड़ गया है। गंदी-गंदी गालियां बकता है। संता: अभी उसकी उम्र ही क्या है? जरा बड़ा होने दो, फिर अच्छी-अच्छी गालियां बकेगा। |
बंता: ओये संता, तू इतनी धूप में क्यों खड़ा है? संता: कुछ नहीं यार, अंदर बहुत पसीना आ रहा था तो सोचा धूप में सुखा लेता हूँ। |
संता सुबह-सुबह नंगे पाँव पार्क में सैर कर रहा था कि उसके पैर में एक काँटा चुभ गया। संता: यार शुक्र है मैंने चप्पल नहीं पहनी, नहीं तो चप्पल में छेद हो जाता। |
बंता: यार मेरी बीवी बहुत लड़ती है मुझसे और जब भी लड़ती है तो अपने मायके चली जाती है। संता: यार तू तो बहुत खुशकिस्मत है। मेरी बीवी मुझसे लड़ती है और फ़ौरन अपने मायके वालों को यहां बुला लेती है। |
संता बंता से: क्या तुम एक हाथ से कार चला सकते हो? बंता: हाँ, क्यों नहीं। संता: तो ऐसा करो, एक हाथ से अपनी नाक साफ़ करो। काफी देर से बह रही है। |
संता कढ़ी चावल खा रहा था। तभी एक मक्खी कढ़ी चावल पर आकर बैठ गई। संता: अरे कितनी भोली है तू। ये वो नहीं है जो तू समझ रही है। चल उड़ यहाँ से। |
संता: पता नही कैसा ज़माना आ गया है। ढूंडने पर भी कोई आदमी नहीं मिलता जो
झूठ न बोलता हो। बंता: लेकिन मै एक ऐसे आदमी को जानता हूं जो कभी झूठ नहीं बोलता। संता: अच्छा उस नेक आदमी से मेरी बात कराओ। बंता: यह सभंव नही क्योंकि वह गूंगा है। |
चोर (बन्दूक तनते हुए संता से): ज़िंदगी चाहते हो तो अपना पर्स मेरे हवाले
कर दो। संता: यह लो। चोर: कितने मुर्ख हो तुम, मेरी बंदुक मे तो गोली ही नही थी। हा..हा...हा। संता: और मेरे पर्स में भी कहां रुपये थे। हो..हो..हो..। |