विक्लप बहुत हैं बिखरने के लिए, संकल्प एक ही काफी है संवरने के लिए। सुप्रभात! |
हर दिन अच्छा नहीं हो सकता लेकिन हर दिन में कुछ अच्छा ज़रूर होता है। सुप्रभात! |
ऐ सूरज मेरे अपनों को यह पैगाम देना; खुशियों का दिन हँसी की शाम देना; जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को; तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना। सुप्रभात! |
ये दुनिया ठीक वैसी है जैसी हम इसे देखना पसंद करते हैं। यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब। सुप्रभात! |
गलती कबूल करने और गुनाह छोड़ने में कभी देर ना करें क्योंकि सफर जितना लम्बा होगा वापसी उतनी मुश्किल होगी। सुप्रभात! |
जीत की आदत
अच्छी होती है
मगर
कुछ रिश्तों में हार
जाना ही बेहतर होता है। सुप्रभात! |
लम्हों की एक किताब है ज़िन्दगी, साँसों और ख्यालों का हिसाब है ज़िन्दगी, कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी, बस इन्ही सवालों का जवाब है ज़िन्दगी। सुप्रभात! |
ज़िन्दगी की हर सुबह कुछ शर्तें लेकर आती है और ज़िन्दगी की हर शाम कुछ तज़ुर्बे देकर जाती है। सुप्रभात! |
खिलखिलाती सुबह, ताज़गी से भरा सवेरा है; सुबह की बहारों ने आपके लिए रंग बिखेरा है; सुबह कह रही है जाग जाओ अब नींद से; आपकी मुस्कुराहट के बिना तो सब अधूरा है। सुप्रभात! |
मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकद्दर की बात है; हम कोशिश भी ना करें ये तो गलत बात है। सुप्रभात! |