भैंस पर बैठे एक हरियाणवी को ट्रैफिक पुलिस वाले ने पकड़ लिया और पूछा: आपका हैलमेट कहाँ है? फाइन लगेगा। हरियाणवी: अरे बावले ध्यान से नीचे देख, यो टू व्हीलर नहीं फोर व्हीलर है। |
हरियाणा आल्या के स्कूल ना जान के बहाने: माँ: आज तू स्कूल मेँ क्यों ना गया रे भुंडी शक्ल के? बच्चा: वो काल मास्टर स्कूल मैं म्हारा वजन तौलै थे। माँ: तो? बच्चा: मैँ न्यूँ सोच्या कदै आज बेच ना देँ।h |
हरियाणा पुलिस के एक हवलदार ने एक अंग्रेज को नाके पे रोक लिया और हाथ में पेन लेकर बोला, "भाई, चालान बनाना पड़ेगा। के नाम सै तेरा? अंग्रेज: Wilhelm Voncorgrinzksy हवलदार: इबकै छोड रहा हूँ, फेर ना फस ज्याइए, भाज ज्या। |
एक जाट नै पेपर में किम्मे नी आवे था अररर अगला छोरा (बनिया) जमा जुटा पड़ा लिखण में; जाट: भाई मन्ने भी दिखा दे किम्मे। बनिया: मन्ने भी कोनी आंदा। जाट: फेर इसा तावला तावला के तेरी बुआ का कन्यादान लिखे है? |
एक बार एक हरियाणवी अंग्रेजी सीखण विदेश म्है गया। एक साल पाछै वो वापस हरियाणा आया। 2-3 दिन पाछै उस धोरे फ़ोन आया और फ़ोन पे एक आदमी बोल्या, "मखा राम राम, क कमा रया सै, और सुना किम्मे गाम की।" हरियाणवी: Who is speaking? . . . . . . . फ़ोन आला आदमी: रै झकोई पिछाणया कोणी के? मैं बोलू सु Anderson! |
छोरा: माँ, एक बात बूझू? माँ: हाँ बूझ। छोरा: मैं गोद लिया था के? माँ: बेटा गोद ए लेते... तो सुथरा सा न लेते। |
एक लुगाई ने हरियाणवी लड़के से पूछा: अरे बेटा तेरा ब्याह हो लिया के? हरियाणवी लड़का: ना ताई मैं तो न्युंए दुखी हूँ। |
एक जाट दिल्ली पहुँचा तो रेलवे स्टेशन पै अखबार वाले से बोला, "एक अखबार देना।" अखबार वाला: हिन्दी या अंग्रेजी का। जाट:भाई कोई सा भी दे दे, मने तो रोटी ही लपेटनी है। |
एक हरियाणवी छोरा अपनी गर्लफ्रेंड ने 5 स्टार होटल मे रोटी खवान लेग्या। छोरा वेटर ने बला के बोल्या, "Sir, With due respect, I beg to say that I am ill so I can not come to school. Kindly grant me Tea for 2 please." वेटर के कुछ खास समझ नी आया पर फेर बी ओ 2 ग्लास चा ले आया गर्लफ्रेंड: आए हाए तेरी अंग्रेजी! छोरा: बस ईतने में ए मेरी फेन होगी, जे तनै मेरा पानी वास्ते "Thirsty Crow" अर रोटियां खातर "Greedy Dog" सून लिया नी तू तो जमा ऐ बावली हो जै गी! |
शिवजी ने जब जाट बनाया तो उसे सब कुछ दिया। तेज़ दिमाग़, लंबा चौड़ा शरीर, लेकिन ज़ुबान ना दी, तो पार्वती बोली, "प्रभु आपने कितना सुथरा आदमी बनाया है ये जाट, इसे भी ज़ुबान दे दो ताकि यह भी बोल सके।" शिवजी बोले, "ना पार्वती यह बिना ज़ुबान के ही ठीक है।" लेकिन पार्वती ना मानी शिवजी के पैर पकड़ लिए पार्वती की ज़िद के चलते शिवजी ने जाट को ज़ुबान दे दी। ज़ुबान मिलते ही जाट बोला, "रे शिवजी, या सुथरी सी लुगाई कित त मारी?" |