हास्य Adult and Non veg Restricted Hindi Shayari

  • अतीत के पन्नों में झाँका तो ये लगा;
    आज मेरा स्वार्थ मेरे संस्कारों से भी बड़ा हो गया;
    बचपन में जिन्हें मैडम जी कह कर पैर छूता था
    आज फिर से उन्हें देखा तो लौड़ा खड़ा हो गया।
  • न देख ऐसे आसमान को इतनी हसरत से, मेरे प्यारे दोस्त;
    किसी परिन्दे ने मुँह पर हग दिया तो सारी हसरतों की "माँ चुद" जायेगी!
  • जोश भरे लंड को यूँ ठुकराया नहीं करते;
    यूँ चूत दिखा कर आगे से गुज़र जाया नहीं करते;
    क्या हुआ अगर मेरा घर, महल नहीं किसी राजा का, तो क्या झोंपड़ी में लोग चुदवाया नहीं करते।
  • रात होगी तो कंडोम भी दुहाई देगा;
    टांगो के बीच सारा जहां दिखाई देगा;
    ये काम है जानी, जरा संभलकर करना;
    एक कतरा भी गिरा तो 9 महीने बाद सुनाई देगा।
  • मौहब्बत के सिवा और भी गम है जमाने में;
    चुत का भौसडा बन जाता है पैसा कमाने में।
  • मोहब्बत करने वालों को इनकार अच्छा नहीं लगता;
    बहनचोद दुनिया वालों को ये इक़रार अच्छा नहीं लगता;
    जब तक लड़का-लड़की भाग ना जाएँ;
    सालों को प्यार सच्चा नहीं लगता।
  • अर्ज़ किया है:
    उड़ती हुई फ्रॉक को काबू में रखो;
    उड़ती हुई फ्रॉक को काबू में रखो;
    पेंटी ना पहनो कोई बात नहीं;
    कम से कम बगीचा तो साफ़ रखो।
  • चोदते चोदते सुबह हो गयी लंड पे पड़ गए छाले;
    चूत फट के गुफा हो गयी वाह रे चोदने वाले!
  • मेरे हैं सिर्फ दो ही टट्टे;
    वाह वाह...
    भोसड़ी के पहले सुन तो।
    मेरे हैं सिर्फ दो ही टट्टे;
    यार चूस के बता, मीठे हैं या खट्टे।
  • नादाँ हैं वो लोग जो कहते हैं कि चूत पे बाल हैं;
    गौर फरमाएं
    नादाँ हैं वो लोग जो कहते हैं चूत पे बाल हैं;
    अरे ये तो लौड़े को फ़साने के लिए बिछाए हुए जाल हैं।
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