सचिन के क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ घंटों बाद ही यूपीए सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने कि घोषणा कर दी। इसमें कोई शक नहीं कि तेंदुलकर इस पुरस्कार के हकदार हैं परन्तु उनका ऐसा पहला खिलाडी होना शायद विरोधाभास पैदा करता है। कुछ लोगों का तो यह तक कहना है कि ध्यानचंद शायद इस पुरस्कार के लिए ज़्यादा उपयुक्त विकल्प होते। |