मोदी सरकार को पिछली सरकार से जो चीज विरासत में मिली है, वह है उच्च मुद्रास्फीति का दबाव। वहीं लगता है कि बढ़ी कीमतों पर भी कुछ महीनों में अंकुश लगने की उम्मीद को सालों पर ही छोड़ना पडेगा। यही नही उच्च मुद्रास्फीति और जमाखोरी उन प्रमुख़ कारकों में शामिल थे जो यूपीए सरकार के पतन के कारण बनें। लेकिन अब नरेंद्र मोदी सरकार से जो उम्मीद की जा रही है वह यह कि शायद मुद्रास्फीति की दर 8 फीसदी पर ले आये ! |