"अंधकार, तबाही और विनाश नशे के तीन तथ्य हैं। नशा कुछ ऐसा है जो किसी को भी चकनाचूर कर सकता है। यह एक मनोवैज्ञानिक सामाजिक-चिकित्सा समस्या है और हमे इसे इस तरह से देखने की जरूरत है और हमे इसके लिए किसी व्यक्ति को दोष नहीं देना चाहिए।" प्रधानमंत्री मोदी ने ऑल इंडिया रेडियो पर अपने तीसरे `मन की बात` संबोधन में कहा। |