आम आदमी पार्टी की छवि के लिए इस से भी बुरा नहीं हो सकता कि अरविंद केजरीवाल पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते पाये गए और उनमे पश्चाताप का कोई संकेत नहीं था और उनके वफादार उनका बचाव करते नज़र आये। जब से पार्टी की अंदरुनी गुटीय लड़ाई पूर्ण रूप से सार्वजानिक हुई है तब से ऐसा पहली बार हुआ है कि केजरीवाल गलत कदम पर पकड़े गए हैं। |