आज के समय में जहाँ फिल्म के हिट या फ्लॉप होने का निर्णय पहले सप्तहांत के प्रदर्शन से लगाया जाता है वही आज के राजनीतिज्ञ भी अपने प्रदर्शन को सीमित समय सीमा में निश्चित कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी पाँच साल के लिए प्रधान मंत्री चुने गए हैं लेकिन फिर भी उन्हें 100 दिन, 200 दिन और अब 300 दिन की परीक्षा से गुज़रना पड़ा। अब जब उनकी सरकार का एक साल पूरा हो गया है तो मीडिया भी उन्हें इसी तरह आंक रहा है जिससे ऐसा लग रहा है कि वो किसी अग्नि परीक्षा का सामना कर रहे हैं। |