`क्लासिक` - एक ऐसी किताब जिसकी लोग प्रशंशा करते हैं और पढ़ते नहीं।
किसी ने भी अभी तक पूरी तरह से बच्चे की आत्मा में छुपे सहानुभूति, दया और उदारता के खजाने को नहीं जाना है। वास्तविक शिक्षा का प्रयास उस खजाने को खोलना होना चाहिए।
डरो कम, उम्मीद अधिक रखो; खाओ कम, चबाओ ज्यादा; कराहों कम, सांस ज्यादा लो; बोलो कम, कहो ज्यादा; अधिक प्रेम करो, और सभी अच्छी चीजें तुम्हारी होंगी।
और वो दिन आ गया जब कली के अन्दर बंद रहने का जोखिम खिलने के जोखिम से अधिक दर्दनाक था।
एक मूर्तिकार चीजों को आकार देने में रुचि रखता है, एक कवि शब्दों में और एक संगीतकार ध्वनि में।
जब तक एक औरत अपनी बेटी से दस साल छोटी दिख सकती है, वो पूरी तरह संतुष्ट रहती है।
आपको वो नहीं मिलता जो आप चाहते हैं, आपको वो मिलता है जो आपको मिल सकता है।
इस में कोई अचरज नहीं कि सच कल्पना से अनोखा है! कल्पना का कोई अर्थ होना चाहिए।
चलो सज्जनों, मैं आशा करता हूँ कि हम सारी निर्दयता पी जायेंगे।
स्वच्छता की शुरुआत मन, विचार और हृदय की पवित्रता के साथ होती है।