इकट्ठा किया हुआ धन पाले हुए दुश्मन के समान होता है, क्योकि इसे छोड़ना बहुत मुश्किल होता है।
आपका वेतन आपको अमीर नहीं बनाता, आपकी खर्च करने की आदत बनाती है।
कई सारे अच्छे गुण आपकी एक चाहत को संतुलित करने के लिए काफी नहीं होते- पैसे की चाहत।
ख़ुशी की तरह दौलत भी कभी प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिलती, यह किसी उपयोगी सेवा के फलस्वरूप मिलती है।
आत्मविश्वास का संचलन पैसे के संचलन से बेहतर है।
मायने ये रखता है कि आप अपने पैसों का क्या करते हैं, न कि वो कहाँ से आया है।
एक बुद्धिमान व्यक्ति को पैसा दिमाग में रखना चाहिए, दिल में नहीं!
बहुत लोगों के पास बहुत ज्यादा है, लेकिन किसी के पास पर्याप्त नहीं है।
लेनदारों की यादाश्त देनदारों से अच्छी होती है!
पैसा आपके लिए खुशियाँ नहीं खरीद सकता लेकिन वो दुःख को कुछ सुखद रूप में अनुभव करा सकता है।