एक दम्पति के दो बच्चे थे एक 8 साल का दूसरा 10 साल का जो काफी शरारती थे वे हमेशा कोई न कोई शरारत करते और
मुसीबत में फंस जाते उनकी माँ उनकी शरारतों से बहुत परेशान थी, अगर उनके आस पड़ोस में किसी भी तरह की कोई शरारत
या कोई गड़बड़ होती तो उनके माता-पिता को लगता कि ये सब उन दोनों ने ही किया है! उन की माँ ने अपने कस्बे में किसी बाबा के बारे में सुना जो बच्चों को अनुशासन सिखाते थे, वो बाबा के पास गयी और अपने बच्चो के बारे में बताया बाबा ने कहा बेटी कोई बात नहीं इस उम्र में बच्चो का यही हाल होता है फिर मैं कोशिश करता हूँ! बाबा ने कहा कि मैं तुम्हारे दोनों बच्चों को एक एक कर मिलूँगा इसलिए पहले तुम अपने छोटे बच्चे को मेरे पास भेजना! अगले दिन सुबह ही उनकी माँ ने छोटे वाले बच्चे को बाबा के पास भेज दिया और बड़े वाले को दोपहर में भेजना था, जब बच्चा बाबा के सामने पहुंचा तो उसने देखा बाबा बहुत ही रौबदार और लम्बी लम्बी दाड़ी वाले हैं, बाबा ने बच्चे को बहुत प्यार से अपने पास बुलाया और एक कर्कश आवाज में पूछा बताओ भगवान कहाँ है? ये सुनकर बच्चे का मुहं खुला का खुला ही रह गया और आँखें बड़ी बड़ी हो गयी! बाबा ने फिर पूछा बताओ भगवान कहाँ है? बच्चे ने फिर से उसकी बात का कोई उतर नहीं दिया अब बाबा ने और ज्यादा रौब से बच्चे की तरफ ऊँगली करते हुए पूछा बताओ भगवान कहाँ है? बच्चा जोर से चिल्लाया और वहां से भागता हुआ सीधे घर पहुँच गया घर जाते ही चुपके से अलमारी के अन्दर छिप गया और जोर से अलमारी के दरवाजे को बंद कर दिया जब उसके भाई ने उसे अलमारी में ढूंढा तो उसने पूछा क्या हुआ? तो छोटे भाई ने हांफते हुए बताया कि भाई हम बड़ी मुसीबत में फंस गए है भगवान कहीं खो गए हैं, और वो सोच रहे हैं ये हमने किया है! |