एक गावं में एक आदमखोर तेंदुए ने आतंक मचाया था वन विभाग ने अपने दो तेज तरार शिकारी संता और बंता को उसे पकड़ने के लिए बुलाया और हिदायत दी अगर जिन्दा पकड़ सको तो पकड़ लेना नहीं तो मार देना! वे दोनों जंगल में गए और तेंदुए का इन्तजार करने लगे कई दिन तक उन्हें तेंदुआ नहीं मिला तो बंता ने संता से कहा की एक तरीका अपनाते है! बंता ने कहा मैं गाए कि खाल पहन लेता हूँ और बंदूक को उसके मुहं से बाहर निकाल दूंगा जैसे ही तेंदुआ मुझ पर हमला करेगा मैं उसे गोली से उड़ा दूंगा! फिर संता, बंता को जंगल में छोड़कर वापिस आ गया तीन चार दिन जब बंता का कोई पता नहीं आया तो संता खोज दल के साथ उसे ढूंढने जंगल चला गया! जब उन्हें बंता मिला तो देखा की बंता के कपड़े फटे हुए और बंदूक एक तरफ गिरी थी और बंता का मुहं जमीन से लगा था संता ने बहुत चिंतित होते हुए बंता को अपनी गोद में उठाया और पूछा की...होया बंतया? बंता ने आहें भरते हुए जवाब दिया यार संतया.. तेंदुआ तां नहीं आया... पर एह दस...सांड कीने खुल्ला छडडया सी? |