संता बहुत बड़ी मुसीबत में था उसका सारा बिजनेस ठप्प पड़ गया, और वह बहुत बड़े आर्थिक संकट में फंस गया वह बहुत निराश हुआ और आखिर में भगवान से मदद के लिए गुहार करने लगा! वह मंदिर में गया और भगवान से प्रार्थना करने लगा, हे भगवान मेरी मदद करो! मेरा सारा बिजनेस ठप्प पड़ गया और मेरे पास एक भी पैसा नहीं बचा है, अब तो हालात ये है कि मुझे अपना घर भी बेचना पड़ सकता है, इसलिए हे भगवान, मुझे कोई लॉटरी जितवा दो! इतना कहकर संता अपने घर चला गया जिस दिन लॉटरी निकली तो दुर्भाग्य से संता की लॉटरी नहीं निकली और वह फिर मंदिर में भगवान के पास चला गया फिर से वही गुहार लगाने लगा हे भगवान मुझे लॉटरी जितवा दो संता फिर अपने घर चला गया फिर से लॉटरी निकली पर इस बार भी सांता को निराशा का ही मुहं देखना पड़ा! संता फिर भगवान के पास गया हे भगवान मुझे लॉटरी जितवा दो पर संता कई दिन तक लॉटरी नही जीत पाया! एक दिन उदास होकर भगवान के पास पहुंचा और भारी मन से भगवान से कहने लगा.. हे भगवान! तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो अब तो स्थिति ये बन गयी है कि मेरा घर गाड़ी सब बिक गए है, और मेरा परिवार भूखे मर रहा है... हे भगवान अब तो मुझे लॉटरी जितवा दे और संता निराश होकर वापिस जाने लगा और तभी.. एक जोर कि बिजली कड़की जिसकी रोशनी संता के मुहं पर पड़ी और आकाशवाणी हुई... अरे उल्लू के पट्ठे संता पहले लॉटरी का टिकट तो खरीद! |