डॉक्टर साहब हैं
एक दिन संता का गला बैठ गया बहुत कोशिश की पर आराम नहीं मिला रात के 2 बजे अपनी बीवी से बोला कुछ समझ में नहीं आ रहा है क्या करूँ? बीवी बोली: इसमें शर्माने की क्या बात है, सामने ही तो डॉक्टर बंता का घर है, चले जाओ! संता: रात के 2 बजे किसी के घर जाते हुए अच्छा नहीं लगता है! बीवी बोली: डॉक्टर का तो फ़र्ज़ यही है वे कभी भी मरीज को देख सकते हैं, इस बात की उन्हें शपथ दिलाई जाती है! घबराते घबराते वे सामने वाले अपार्टमेन्ट में पहुंचे दरवाजा खटखटाया अन्दर से डॉक्टर की बीवी ने पूछा कौन है? संता(गला बैठी हुई आवाज़ में) मैं हूँ आपका पड़ोसी, डॉक्टर साहब हैं? अन्दर से आवाज़ आयी नहीं हैं, आ जाओ! |