एक छोटा बच्चा अपनी मम्मी पापा के साथ फार्म पर रहता था, एक सुबह जब वह नाश्ता करने आया तो उसकी माँ ने उससे पूछा क्या उसने मवेशियों को चारा खिला दिया है? बच्चे ने कहा नहीं अभी नहीं! उसकी माँ ने कहा कि जब तक वह मवेशियों को चारा नहीं खिला देता, उसे भी कोई नाश्ता नहीं मिलेगा लड़का गुस्से में आ गया, वह पहले मुर्गियों को दाना डालने गया, और एक मुर्गी को लात मार दी, गायों को चारा खिलाने गया, और एक गाय को लात मारी, सूअरों को खाना डालने गया, तो एक सूअर को भी लात मार दी! फिर वह वापस नाश्ता करने के लिए आया तो उसकी माँ ने उसे बस सूखे चावल दे दिये, मुझे कोई अण्डा, कोई मीट क्यों नहीं मिला? इस कटोरे में दूध भी नहीं है? उसने पूछा: उसकी माँ ने कहा, मैंने देखा कि तुमने मुर्गी को लात मारी, इसलिए तुम्हें अण्डा नहीं मिलेगा मैंने देखा कि तुमने सूअर को लात मारी, इसलिए तुम्हें कोई माँस का टुकड़ा भी नहीं मिलेगा मैंने यह भी देखा कि तुमने गाय को लात मारी, तो आज सुबह तुम्हें दूध भी नहीं मिलेगा! तभी उसके पिता, नाश्ता करने के लिए रसोई में प्रवेश करते हैं, और और वहीँ रसोई में एक बिल्ली इधर-उधर घूम रही थी उसे लात मार दी, लड़के ने अपनी माँ की ओर देखा, मुस्कुराया, और कहा, तुम उन्हें कहोगी, या मैं कहूँ? |