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    4 लोग स्वर्ग के द्वार पर खड़े थे:

    पहला आदमी : मैं डॉक्टर हूँ और मैंने बीमार व रोगियों की बहुत सेवा की है इसलिए आप मुझे स्वर्ग में जाने दें!

    भगवान: नहीं!

    दूसरा आदमी: मैं पंडित हूँ मैंने लोगों को भगवान के प्रति आस्थावान बनाया है, इसलिए मुझे स्वर्ग में जाने दें!

    भगवान : नहीं!

    तीसरा आदमी: मैं नेता हूँ मैंने लोगों की नि:स्वार्थ भावना से सेवा की है इसलिए मुझे स्वर्ग में जाने दे!

    भगवान नही!

    चौथा आदमी : मैं शादीशुदा हूं और मैं.......

    भगवान: बस कर पगले, अब रुलाएगा क्या? चल अंदर आ!
  • बीमार संता! रोज़ सुबह मुर्गे की तरह जल्दी उठ जाते हो घोड़े की तरह भाग के ऑफिस जाते हो गधे की तरह दिनभर काम करते हो घर आकर परिवार पर कुत्ते की तरह भोंकते...
  • गौर करने के बाद! संता ने थोड़ी देर पहले कुछ सोचा फिर वहां से चला गया एक घंटे बाद फिर लौटकर आया उसने दीवार पर लिखे हुए को मिटा दिया और उसके स्थान पर लिखा...
  • ये पहली बार है! दरअसल संता और उसकी पत्नी अपने शांतिपूर्ण और सुखमय विवाहित जीवन के लिये पूरे कस्बे में प्रसिद्द हो चुके थे उनके बारे में यह कहा जाता था कि उनके...
  • घड़ा कहाँ है? संता पानी है बंता हाँ घड़े में संता घड़ा कहाँ है बंता रसोई में संता रसोई कहाँ है बंता घर में संता घर कहाँ है बंता लक्सर में संता लक्सर कहाँ है बंता उत्तराखंड में...
  • वह तुम्हें जानता है! पत्नी ने पुलिसवाले को लाइसेंस दे दिया ओ हो तो आप लुधिआना से है मैं भी वहां काफी समय तक रहा और एक दिन एक बड़ी ही बदसूरत औरत के साथ डेट पर चला...