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    बंता को नयी नयी खोजें और नए नए कारनामे करने का शौक था!

    एक दिन वह देखना चाहता था कि अगर साईकिल को अनियंत्रित गति से चलाया जाये तो कैसा लगता होगा!

    उसने अपने दोस्त से कहा जिसके पास एक पुरानी मारुति कार थी यार अगर मैं अपनी साईकिल को तुम्हारी गाड़ी के साथ बाँध दूँ और गाड़ी बहुत तेज गति से चले तो कैसा लगेगा यह मुझे देखना है!

    उसके दोस्त ने कहा हाँ यार बिल्कुल ऐसा करके देखो!

    बंता ने अपनी साईकिल को मारुति से बाँध दिया और उसे हिदायत देने लगा मैं अपनी साईकिल कि घंटी को एक बार बजाऊंगा, अगर मुझे साईकिल कि गति तेज चाहिए!

    अगर दो बार बजाऊँ तो समझना कि सही सही गति होनी चाहिए!

    अगर बार बार बजाऊँ तो समझना कि बिल्कुल धीरे कर दो!

    इतनी बात के बाद वे चल पड़े सब कुछ बढ़िया चला हुआ था बंता पूरा मजा ले रहा था कार 60kmph कि रफ़्तार से चल रही थी और बंता ने गति को अच्छी तरह से नियंत्रित कर रखा था!

    तभी एक होंडा बाइक कार के बिल्कुल साथ-साथ चलने लगी बाइक वाला कभी अपनी गति को बढ़ा देता कभी कार के साथ-साथ चलने लगा!

    कार वाला उस से दुखी हो गया था उसने कार की स्पीड को एक दम से बढ़ा दिया और कार 100kmph की गति से भागने लगी!

    बाइक वाले के चक्कर में वह यह भी भूल गया कि पीछे गाड़ी से बंता की साईकिल भी बंधी है!

    अभी वे थोड़ा ही आगे पहुंचे थे कि आगे संता पुलिस ऑफिसर अपने पुलिस दस्ते के साथ खड़ा था उसने देखा कि सामने से एक कार और होंडा बाइक बहुत तेज गति से आ रहे है!

    उसने पुलिस हेडक्वाटर फ़ोन किया और रिपोर्ट करने लगा यहाँ हाईवे 20 पर एक बाइक और कार की रेस चली हुई है और उनके पीछे एक साईकिल वाला लगातार घंटी बजाता हुआ चला है और उनसे पास लेना चाहता है!
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