एक धार्मिक आदमी और एक नास्तिक दोनों पड़ोसी थे! धार्मिक आदमी एक दिन जोर से चिल्ला रहा था हे भगवान! मेरे लिए खाना भेजो! नास्तिक आदमी ने जब ऐसा सुना तो उसने उसके पास जाकर कहा कि भाई कोई भगवान नही है! अगली सुबह जब वह धार्मिक व्यक्ति जागा तो बाहर आँगन में उसने देखा कि किसी ने खाने पीने के सामान से भरा बैग रखा था! वह फिर जोर से चिल्लाया हे भगवान! तुम्हारा बहुत धन्यवाद कि तुमने मेरे लिए खाना भेज दिया! जब वह हाथ जोड़ कर खड़ा था तभी ब्रुश करता हुआ नास्तिक आदमी उसके सामने आया और कहने लगा अरे ये सब तुम्हारे भगवान ने नही भेजा ये सब मैंने रखा है! बिना समय गवाए धार्मिक आदमी फिर से चिल्लाया हे भगवान! इस खाने के लिए धन्यवाद जिसके लिए तुमने इस शैतान को पैसे खर्चने के लिए प्रेरित किया! |