एक बार एक किसान एक बंजर ज़मीन का टुकड़ा खरीदता है, जिसे की वह एक संपन्न उद्यम में बदलने की लालसा रखता है, जब वह उस खेत को खरीदता है तो उसमे बहुत सारी जंगली झाड़ियाँ और जंगली पौधे लगे हुए होते और उस खेत की बाड़ भी टूटी हुई होती है! एक दिन वह किसान अपने खेत में काम कर रहा होता है तो वहां गाँव का एक उपदेशक आता है, और उस किसान को आशीर्वाद देता है की, "मैं कामना करता हूँ कि, तुम और भगवान् साथ मिल कर अपने सपनों को पूर्ण कर सको! कुछ महीनों जब वह उपदेशक फिर से उस जगह से गुज़रता है, तो रुक कर उस पूरे खेत को निहारता है और देखता है की वह जगह अब पूरी तरह से बदल चुकी होती है, जहां की अब बहुत सारे पशु और मवेशी चारा खा रहे होते हैं, और साथ ही हरी-भरी फसल लहलहा रही होती है! यह देख वह उपदेशक उस किसान से कहता है, "देखा तुमने और भगवान् ने साथ मिल कर क्या कमाल कर दिखाया है!" इस पर किसान जवाब देता है, "जी हाँ बाबा, और आपको तो याद ही होगा की जब भगवान् अकेले काम करते थे तो इस खेत का क्या हाल था!" |