जीवन कभी रुकता नहीं

  •  

    एक बार संता की पत्नी उसकी कार और घर के सारे पैसे लेकर उसके दोस्त बंता के साथ भाग जाती है, जिसके बाद संता मानसिक अवसाद से पीड़ित हो चिकित्सक के पास जाता है, जो कि उसे मनोचिकित्सक के पास भेज देता है!

    मनोचिकित्सक के पास जा कर संता उसे अपनी सारी परेशानी बताने के बाद कहता है की, "वह अब जीना नहीं चाहता क्योंकि जीवन अब उसे व्यर्थ लगता है!"

    यह सुन मनोचिकित्सक ने कहा, "इतनी जल्दी हिम्मत मत हारो और पूर्ण रूप से अपने काम में डूब जाओ, क्योंकि अब तुम्हारा कर्म ही तुम्हारी पूजा है!"

    आगे मनोचिकित्सक संता से पूछता है, "वैसे तुम काम क्या करते हो?"

    संता ने जवाब दिया, "जी मैं गटर साफ़ करता हूँ!"
  • आजीवन औषधि का प्रयोग चिकित्सक के यहाँ से वापस आने के बाद रामलाल बहुत चिंतित हो कर बैठ जाता है! यह देख उसकी पत्नी उससे पूछती है, "क्या बात है आप किसी बात से परेशान लग रहे हैं...
  • आध्यात्मिक दृष्टिहीनता एक बार एक किसान एक बंजर ज़मीन का टुकड़ा खरीदता है, जिसे की वह एक संपन्न उद्यम में बदलने की लालसा रखता है, जब वह उस खेत को खरीदता है तो उसमे बहुत सारी जंगली झाड़ियाँ...
  • मालिक कौन है? एक बार एक किसान अपनी भूमि बेचने कि तैयारी कर रहा होता है, परन्तु उससे पहले उसे अपनी ज़मीन पर रहने वाले पशुओं को बहार निकालने कि ज़रूरत पड़ती है, जिसके लिए वह गाँव के हर...
  • असामान्य दिन एक बार एक आदमी शनिवार कि सुबह कुछ बड़ी ही असामान्य सी आशंका के साथ उठ बैठता है, जिसमे उससे लगता है कि आज का दिन उसके लिए कुछ अलग होने वाला है...
  • मछली का चारा एक बार एक मछुआरा नदी किनारे मछली पकड़ने जाता है, परन्तु उसे तालाब के पास पहुँच कर एहसास होता है कि वह मछली पकड़ने के लिए चारा तो ले कर ही नहीं आया...