एक बार गणपत राय नाम का आदमी एक अंग्रेज़ के पास जाता है और अपनी नौकरी की अर्जी देता है, कुछ देर बाद अंग्रेज़ अफसर गणपत राय को अपने कमरे में बुलाता है और कहता है; अफसर: हाँ तो गांड फट रहा है (गणपत राय)... अफसर की बात सुन गणपत राय बोला; गणपत राय: नहीं सर, ज्यादा नहीं फट रही! अंग्रेज़: क्या ज्यादा नहीं? बोलत्ता है, तुम्हारा चिट्ठी में लिखा है! गणपत राय: ठीक है, माई-बाप, लिखा है, तो फट रही होगी! अंग्रेज़: तुम डेली मराता है (तुम दिल्ली में रहता है)! गणपत राय: नहीं साहब, कभी-कभी! अंग्रेज़: गांड फट रहा है, इधर आओ, क्या कभी-कभी बोलता है, देखो तुम्हारा चिट्ठी में लिखा हुआ है, कि तुम डेली मराता है! गणपत राय: ठीक हैं, माई-बाप, लिखा है तो मराता होगा! इंटरव्यू के बाद गणपत को एक शर्त पर नौकरी दी जाती है कि वह अंग्रेज़ अफसर के घर के वो सभी काम करेगा जो उसे कहे जायेंगे! नौकरी के पहले दिन अंग्रेज़ अफसर गणपत राय को बुलाता है और कहता है; अंग्रेज़: गांड फट राय? गणपत राय: जी मालिक! अंग्रेज: आज तुमको तीन काम करने का हैं! गणपत राय: हुकुम सरकार! अंग्रेज़: तुम पहले हमारी बेटी को चोदेगा ( छोड़ेगा), फिर हमारी बीवी को चोदेगा और बाद में हमको चोदेगा; गणपत राय: माफ़ करना सरकार, आपकी बेटी और बीवी तो ठीक है, लेकिन मैं आपको नहीं चोद सकता! अंग्रेज़ (गुस्से से): गांड फट रहा है, तुमको हमको चोदना (छोड़ना) ही पड़ेगा! गणपत राय: सरकार ऐसा जुल्म न करें! अंग्रेज़: गांड फट रहा है, अगर तुम हमको नहीं चोदेगा तो हम तुमको नौकरी से निकाल देगा! गणपत राय: ठीक है, सरकार जो हुकुम; कुछ दिन बाद अंग्रेज़ अफसर की पत्नी कपडे बदल रही होती तो उसकी ब्रा का हुक टूट जाता है तो वह गणपत राय को बुलाती है और उस से कहती है; मालकिन:गांड फट रहा है, इधर आओ! गणपत राय: जी मालकिन! मालकिन: गांड फट रहा है, हमारा पीछे से गांड ( गाँठ) मारों! गणपत राय: यह क्या कह रही हैं मालकिन? मालकिन: गांड फट रहा है, जल्दी से गांड (गाँठ) मारों हमको लेट होता हैं! गणपत राय: नहीं-नहीं मालकिन, अगर मैंने ऐसा किया तो, साहब हमको कच्चा खा जायेंगे! मालकिन: गांड फट रहा है, अगर तुमने जल्दी से हमारी गांड नहीं मारा, तो हम तुमको कच्चा खा जायेगा! गणपत राय: ठीक हैं मालकिन जो हुकुम! जैसे ही गणपत राय मालकिन कि गांड में लंड डालता है, तो मालकिन चिल्लाने लगती है; मालकिन: गांड फट रहा है, गांड फट रहा है! गणपत राय: मेम साहब गांड मराएगा, तो गाड़ फटेगा ही! |