शादी के बाद एक बार रामू का दोस्त श्यामू उसके घर उस से मिलने आता है। रामू और उसकी बीवी की खातिरदारी देख कर श्यामू रात को वहीं रुकने का फैसला कर लेता है तो रामू उसका पलंग बाहर बरामदे में लगा देता है, यह देख श्यामू को बहुत बुरा लगता है तो वह रामू से कहता है, " तू खुद अन्दर ए सी में सोयेगा और मुझे यहाँ गर्मी में सुला रहा है? लगता है दोस्ती में दरार आ गयी है। रामू: यार समझा कर अब मेरी शादी हो गयी है। परंतू रामू की बात से श्यामू संतुष्ट नहीं होता, तो हार कर रामू उसका अपने कमरे में रखे सोफे पर श्यामू के सोने का बंदोबस्त कर देता है। आधी रात के करीब श्यामू उठता है और रामू से कहता है , " यार मुझे सोफे पर नींद नहीं आ रही इसीलिए में भी पलंग पर ही सोउंगा"। रामू : यार ये कैसे हो सकता है पलंग पर तो मैं अपनी पत्नी के साथ सो रहा हूँ। पर फिर भी श्यामू नहीं मानता है और रामू से कहता है, "दोस्त तू बदल गया है लगता है दोस्ती में दरार आ गयी है?" श्यामू की बात सुन कर रामू को थोडा बुरा लगता है परंतू वह फिर भी श्यामू अपने साथ अपने पलंग पर अपनी दायीं ओर और सुला लेता है और खुद, उसके और अपनी पत्नी के बीच में सो जाता है। कुछ देर बाद श्यामू फिर उठता है और रामू से कहता है, " मुझे पलंग के किनारे पर नींद नहीं आ रही क्योंकि मुझे डर लग रहा है की कहीं मैं गिर ना जाऊं इसीलिए मैं तो बीच में सोउंगा"। रामू : यार ऐसे कैसे हो सकता है दूसरी तरफ मेरी बीवी सो रही है, तू बीच में कैसे सो सकता है। श्यामू : मैं ना कहता था तू बदल गया है तुझे अब मुझ पर भरोसा ही नहीं रहा, देखा आ गयी ना दोस्ती में दरार। श्यामू की ये बात सुन कर रामू फिर उसकी बात मान लेता है और उसे अपने और अपनी पत्नी के बीच में सुला लेता है। अगले दिन सुबह जब दोनों दोस्त सो के उठते हैं तो श्यामू , रामू से कहता है। श्यामू: यार तेरी बीवी तो बड़ी चालू है सारी रात मेरा लंड पकड़ कर सोती रही। रामू: भोंसड़ी के वो मेरी बीवी नहीं मैं था और मुझे ऐसा करना पडा। श्यामू: ऐसा क्यों? रामू: मादरचोद अगर मैं ऐसा नहीं करता तो दरार में दोस्ती आ जाती इसीलिए। |