एक बार एक बंदर अपनी जिंदगी से दुखी होकर मरने के लिए गया। रास्ते में उसे एक शेर सोता हुआ नजर आया। यह देख बंदर जाकर शेर की गांड में ऊँगली करने लगा। तभी शेर जाग गया और बोला, "किस मादर चोद की मौत आई है जो मेरी गांड में ऊँगली कर रहा है?" बंदर बोला, "मैं हूँ मालिक मुझे मार दो।" शेर ने बंदर से पूछा, "जब तू मेरी गांड में ऊँगली कर रहा था तब किसी ने देखा क्या?" बंदर बोला, "नहीं मालिक।" शेर बोला, "तो फिर तू ऊँगली करता रह, मुझे भी मज़ा आ रहा है।" कहानी का मूल: अकेले रहते - रहते शेर भी गांड-मरा हो जाता है। |