एक बार संता को राह चलते एक चिराग मिला तो उसने सोचा की क्या पता इसमें कोई जिन्न हो जो उसकी मुराद पूरी कर दे। और यह सोच कर उसने चिराग को रगडा तो उसमे से सच में एक जिन्न निकल आया। जिन्न: हुकुम मेरे आका? संता: जिन्न कुछ ऐसा कर दो जिससे मेरा लंड ज़मीन को छूने लगे। जिन्न ने कहा, "जो हुकुम मेरे आका", और संता की दोनों टाँगे काट दी। |