संता सुहाग रात अपनी पत्नी को बड़े प्यार से समझा रहा था। संता: सबसे प्यार से रहना, सबकी इज्ज़त करना, उनका विश्वास जीतना, उनका ध्यान रखना और हमेशा सच बोलना। संता की बात सुन दुल्हन फ़टाफ़ट बिस्तर से उठी और कमरे का दरवाज़ा खोल कर चिल्ला कर बोली, "सब फ़टाफ़ट अन्दर आ जाओ यहाँ बाबा जी का सत्संग हो रहा है।" |