ज़िन्दगी के पड़ाव!

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    विभिन्न आयु के छात्रो का सबसे अच्छा सामूहिक उदाहरण:

    पहली से तीसरी कक्षा तक: मुझे तो पूरा पर्चा आता था।

    चौथी से छटी कक्षा तक: यार 8 नंबर वाला प्रश्न तो बहुत मुश्किल था मैंने सिर्फ उसे ही छोड़ा है।

    सातवी से दसवी कक्षा तक: मैंने तो सिर्फ मुख्य ही प्रश्न किये हैं।

    ग्यारवी कक्षा में: मुझे लगता है पास होने के लिए चार पाठ पढ़ना बहुत है।

    बाहरवीं कक्षा: कल पेपर कौन सा है यार।

    और कॉलेज के दिनों में: सालों बता तो देते आज पेपर है, मैं तो पेन भी नहीं लाया।
  • दांत का दर्द! एक बुढ़िया डॉक्टर से बोली,"मेरे एक दांत में दर्द है कृपया कर के उसे निकाल दीजिये।"
    डॉक्टर: मुंह खोलो।
    बुढ़िया: लो, खोल...
  • प्याज कोई खेल नहीं! बढती प्याज की कीमतों के हिसाब से जल्दी ही फिल्मो के डायलाग इस प्रकार के होंगे !
    मेरे करण अर्जुन आयेंगे..
  • सपनो का मतलब! एक नवविवाहित जोड़ा दोपहर को अपने घर में सो रहा था। जागने पर पत्नी ने अपने पति से कहा," जानते हो, अभी-अभी मैंने क्या सपना देखा...
  • फ़िल्मी डॉक्टर! सोचो अगर डॉक्टर फिल्म बनाते तो फिल्मों के नाम क्या होते?
    कभी खांसी कभी जुखाम...
  • देर रात घूमने का राज़! एक बार बंता को देर रात तक घर के बाहर घूमता देख कर संता उस से बोला, "ओ यार तू इतनी देर रात तक घर से बाहर घूमता रहता है तेरी बीवी...