जीतो बड़ी हड़बड़ी में दांत के डॉक्टर के पास गई और बोली,"डॉक्टर साहब! मैं बहुत जल्दी में हूं।" मुझे एक जरूरी मीटिंग में जाना है इसलिए एनस्थीसिया (निश्चेतक) मत लगाइये और जल्दी से दांत बाहर निकाल दीजिये। डॉक्टर ने मन ही मन मुस्कुराते हुए कहा,"कमाल की बहादुर औरत है।" फिर उसने जीतो से बोला, ठीक है, जैसी आपकी मर्जी। इस कुर्सी पर बैठ जाइये और बताइये कौन से दांत में दर्द है। जीतो ने दरवाजे के पास खड़े अपने पति संता को आवाज दी,"चलो! डॉक्टर साहब को दांत दिखाओ।" |