एक बनिया जो काफी धनी था वो अपने ऑफिस में बैठा था। उसका बड़ा बेटा घबराया सा अंदर आया और बोला, "पिता जी मेरी वजह से एक लड़की मुसीबत में फंस गई है, वह चुप रहने के 5 हज़ार मांगती है।" बनिया ने अपने भाव में चेक काटकर दे दिया। तभी उसका छोटा बेटा आया और उसने भी वही दास्ताँ सुनाई। इस लड़की ने 7 हज़ार की मांग की थी। बनिये ने उसे घूरा और फिर चेक काट कर दे दिया। कुछ ही पल बीते होंगे कि उसकी लड़की ऑफिस में घुसी और सोफे पर बैठकर रोने लगी। बनिये ने उससे रोने का कारण पूछा तो वो बोली, "पापा मैंने बड़ा धोखा खाया, मैं माँ बनने वाली हूँ।" यह सुनते ही बनिये की बाँछे खिल गई, वह कुर्सी से उठकर लड़की की पीठ सहलाते हुए बोला, "अब बटोरने (इकट्ठा करने) की बारी मेरी है।" |