मुन्नी नहाने गई, कपड़े उतारे, दरवाजे की घंटी बजी । मुन्नी : कौन ? जवाब आया,"पोस्टमैन।" मुन्नी ने कपड़े पहन कर लेटर लिया, फिर नहाने गई, कपड़े उतारे, फिर घंटी बजी। मुन्नी : कौन ? जवाब आया,"धोबी।" फिर कपड़े पहने, धोबी का हिसाब किया। फिर नहाने गई, कपड़े उतारे, फिर घंटी बजी। मुन्नी फिर बोली,"कौन?" जवाब आया: समीर,पड़ोस वाला। मुन्नी जानती थी वह अंधा क्या फर्क पड़ता अगर कपड़े नहीं पहने तो? वह ऐसे ही चली गई । दरवाजा खोला । समीर ने मिठाई दी। मुन्नी: किस खुशी में ? समीर: आपरेशन से मेरी आंखें ठीक हो गई हैं। और इसीलिये मुन्नी बदनाम हो गयी। |