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    एक बार संता और बंता दोनों मोटरसाइकिल पर जा रहे थे।
    रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया। दोनों को अस्प्ताल ले जाया गया।

    डॉक्टर ने बंता की मरहम पट्टी की तो उसने बड़ी चीख़-पुकार मचाई।
    सारा अस्प्ताल सिर पर उठा लिया।

    जब संता की बारी आयी तो वो बड़े आराम से पट्टी बंधवाता रहा।

    डॉक्टर बंता से: देखो यह कितना बहादुर इंसान है कितने आराम से पट्टी बंधवा ली।

    इतने में संता बोला: नहीं डॉक्टर साहब, दरअसल इसकी चीखें सुनकर मैं इतना डर गया था
    कि मैंने अपनी दूसरी टांग पर पट्टी बंधवा ली जो बिलकुल ठीक है!
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